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सीरियल नम्बर।

कहानी

सीरियल नम्बर।

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मेरा दोस्त हत्यारा है। मर्डरर है वो। उसी ने मारा है। उसी ने। उसी ने। दूसरी ओर के फोन पर बोलते आदमी की चिल्लाहट धीमी होती-होती बुदबुदाने तक सिमट गई। इंस्पेक्टर गोरे इस ओर से पूछता रह गया लेकिन आगे की बात न हो पाई। फोन कट गया। बताया भी नहीं कि मर्डर कहां हुआ है?’ उसने रिसीवर की ओर देखते हुए कहा और रख दिया।
साहब! साहब! हवलदार दौड़ता हुआ आया।
हां सुमेंद्र सिंह।
साहब! मर्डर हो गया है।
गोरे हैरान हो गया। मर्डर उसने फोन की ओर देखा और हवलदार का रुख किया। कहां?’
यहीं गली नम्बर ग्यारह में।
ग्यारह नम्बर? यानी एक गली दूर! गोरे ने डंडा और गन उठाई। तो खड़े क्या हो? चलो जल्दी। वो भागता हुआ बाहर आया। थाना बारह नम्बर गली में था और मर्डर ग्यारह नम्बर में हुआ था तो गाड़ी की जरूरत न थी। गोरे और साथ में तीन पुलिसवाले घटनास्थल पर पहुंच गए थे। भीड़ इकट्ठा हो गई थी। पुलिस को देखकर लोगों ने रास्ता बनाया तो गोरे गोले के भीतर पहुंचा। बिल्डिंग के पार्किंग स्लॉट में वयस्क की गर्दन पर चाकू मारी गई थी। गोरे ने लाश के सीने पर ध्यान दिया। सीरियल ग्यारह उसकी आंखे चौड़ी हो गई थी। पिछले माह शहर के दूसरे हिस्से में एक के बाद एक गलियों में हमला हुआ था। लाशों के सीने पर एक से दस तक गिनती लिखी गई थी और अब ग्यारह। सीरियल किलर यहीं-कहीं घूम रहा था। यकायक गोरे को उस फोन कॉल की याद आई। किसी ने फोन किया था यहां से?’ उसने कड़ककर पूछा।
जी इसने। पास खड़े एक आदमी ने इशारा किया। गोरे ने नजरें पहुंचाई तो दीवार का सहारा लेकर सिमटा बैठा युवक दिखाई दिया।
तूने किया था फोन?’ गोरे पहुंचा लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
ए लौंडे गोरे ने सिर पर हाथ रखकर हिलाया तो लड़का किसी नींद से जगा। तूने की थी कॉल?’
जी उसने लड़खड़ाती जबान में कहा।
तूने कहा कि तेरे दोस्त ने मर्डर किया। किस दोस्त ने किया?’
वो उसने सोचने की कोशिश की। वो उसने मारा उसने अपने सिर पर हाथ रख लिया। गोरे ने उसकी जेब में हाथ डालकर आईडी निकाली। शोभित कुमार।
हूं।
बता किसने किया?’
वो चाकू मारा। कहते हुए शोभित वहीं बिखर गया। एंबूलेंस आ चुकी थी। लाश उठाकर ले जाया गया। दो पुलिसवाले शोभित को लेकर थाने आए।

........

 
अब बता किसने किया और कैसे किया?’ गोरे कुर्सी पर बैठा। शोभित दो कप चाय पी चुका था। उसे शांति से सबकुछ याद करने दिया गया था ताकि वो सही-सही बता सके।
उसने पीछे से गर्दन पर वार किया।
हूं
उसने सीने पर नम्बर लिखा।
हूं
उसने चाकू वहीं फेंक दिया।
हां ये सब पता है हमें। उसके बारे में बता जिसने ये सब किया है।
वो मेरा दोस्त है। वो खतरनाक है। उसने ही किया। उसने मार दिया।
अबे उसका नाम बता।
उसका नाम। नाम शोभित ने सिर पर हाथ रखा। उसका नाम है। दोस्त। वो उठ खड़ा हुआ। वो मेरा दोस्त है। वो गेट तक पहुंचा और बाहर देखा। बाहर एड्रेस बोर्ड लगा था जिसपर लिखा था। गली नम्बर बारह। वो घूमा। उसका नाम शोभित।
क्या?’ गोरे ने हैरानी से भौंह सिकोड़ी। शोभित तेरा नाम है बुड़बक।
साहब। हवलदार आया।
हां
कमिश्नर साहब का फोन है। उन्हें मामले की जानकारी चाहिए।
एक गली पीछे तो ऑफिस है उनका। सब-इंस्पेक्टर को भेज दो।
जी कहकर वो लौट गया। हां गोरे शोभित की ओर घूमा। क्या बोल रहा था तू?’
वो कातिल। शोभित उसकी ओर लौटा। वो जिसने इतनों को मारा। वो सीरियल किलर। वो शोभित है। उसने ही मारा है इतनों को।
फोन की घंटी बजी। शोभित वहीं रुक गया। गोरे ने रिसीवर की ओर देखा और बुदबुदाया। क्या हिला हुआ गवाह मिला है?’ उसने रिसीवर को उठाने के लिए हाथ बढ़ाया कि गर्दन पर जोर का वार हुआ। तेज चाकू ने गहरा वार करते हुए उसकी नलियों को चीर दिया और घपाक की आवाज के साथ भल्ल-भल्ल खून बहने लगा। गोरे उसकी ओर घूमा तो शोभित ने खोपड़ी पकड़कर खींचा और उसे गिरा दिया। सीना पर चाकू रखकर वह फेरता गया और लिख दिया। सीरियल बारह। गोरे के प्राण निकल गए। शोभित की नशीली आंखे अब भी उसके बहते खून पर जमी थी। फोन की घंटी बज रही थी। वह उठा और फोन उठाया। हैलो। कमिश्नर। उधर की आवाज का इंतजार किए बिना उसने पूछ दिया। आपका ऑफिस गली नम्बर तेरह में है ना?’
 
 


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