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एक मंदिर ऐसा भी- बुलेट बाबा मंदिर

क्या आपने ऐसे मंदिर को देखा है जहां पत्थर की मूर्ति ना हो?
पत्थर के अतिरिक्त वह लकड़ी या धातु की भी ना हो?


ओम बन्ना मंदिर( बुलेट बाबा)

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हर्ष वर्धन सिंह और आप आए हैं रोमांच की दुनिया मे।

दोस्तों पत्थर के तो हज़ारों मंदिर बने हुए हैं। धातुओं जैसे कि सोने व चांदी आदि से बहुत सी मूर्तियां बनाई गयी हैं। लकड़ी से बनाई गयी भगवान जगन्नाथ के 

बारे मे भी हम जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी किसी मोटरसाइकिल के मंदिर के बारे मे जाना है?
जी हां बिल्कुल सही पढ़ा आपने! राजस्थान के पाली जिले मे एक ऐसा मंदिर है जहां किसी मूर्ति की नही बल्कि एक मोटरसाइकिल की पूजा होती है।

चोटिला गांव

राजस्थान के जोधपुर के पास पाली जिले से 20 किलोमीटर दूर बसा एक गांव है चोटिला। बिल्कुल सामान्य इस गांव मे एक ही बात असामान्य है और वह है इस गांव मे बना एक मंदिर।

बुलेट बाबा

                            image source: google
इस गांव मे ही हाइवे के किनारे एक 350cc रॉयल इनफील्ड मोटरसाइकिल है जिसे स्थानीय लोग पूजते हैं। ना केवल वहां के लोग बल्कि उस रास्ते से गुजरते हर एक बस, ट्रक, कॉर, बाइक तथा अन्य सभी वाहनो के ड्राइवर तथा उस जगह को जानने वाले वहांं पर रुककर उस गाड़ी को नमन करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वहां से गुजरने वाला हर व्यक्ति जो वहां पर नमन करता है उसकी रक्षा बुलेट बाबा करते हैं तथा जो उसकी उपेक्षा करता है उसकी यात्रा मे कोई ना कोई विघ्न अवश्य आता है।

स्थानीय कहानी

ये बात 2 दिसम्बर 1991 की है जब पास के एक गांव के ओम सिंह राठोड़( ओम बन्ना) अपनी मोटरसाइकिल RNJ 7773 पे सवार होकर बांगड़ी से चोटिला जा रहे थे कि तभी गाड़ी उनके हाथ से अनियंत्रित होकर एक पेड़ से जा टकरायी। ओम सिंह वहीं गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मौत हो गई और गाड़ी पास की खाई मे चली गई। सुबह स्थानीय पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज की और गाड़ी को थाने ले जाकर खड़ी कर दिया। उसी रात को वह बाइक रहस्यमयी तरीके से थाने से दोबारा उसी जगह पहुंच गई जहां दुर्घटना हुई थी। पहले-पहले पुलिस को लगा कि यह उनके साथ कोई मजाक है और उन्होने दोबारा गाड़ी को ले जाकर थाने मे खड़ी कर दिया तथा इस बार उसका सारा पेट्रोल निकाल लिया और उसे जंजीर से बांध दिया। लेकिन सुबह होने पर जंंजीर टूटी हुई थी। पुलिस तुरंत दुर्घटना क्षेत्र पर पहुंची और हैरान रह गई कि गाड़ी दोबारा वहीं पहुंच गई।
बात पूरे इलाके मे आग की तरह फैल गई और लोगों ने इसे ओम बन्ना का चमत्कार माना और उस गाड़ी को पूजना शुरु कर दिया।  तभी से यहां पर सुरक्षित यात्रा के लिये पूजा की जाती है।

पूजा तथा व्यापार

जब से यहां पर पूजा शुरु हुई है तब से इस स्थान पर कई दुकानें खुल गई हैं जो अगरबत्ती, लाल धागा, नारियल, फूल-माला, कपूर आदि बेचते हैं। इसके अतिरिक्त ओम बन्ना की आरती-भजन की CDs भी मिल जायेंगी। प्रतिदिन सुबह शाम यहां गाना-बजाना होता रहता है तथा दिन भर भक्तों का तांता लगा रहता है।
ना केवल ये सामग्री बल्कि इस गाड़ी के पहियों पर शराब चढ़ाने का भी रिवाज है। लोग इसकी परिक्रमा करके इसके पहियों पर शराब चढ़ाते हैं तथा अपनी मंगल यात्रा की कामना करते हैं।


Comments

  1. भारत में जो ना होने लगे😂😂

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